स्टालिन पहुंचे बिहार: “65 लाख वोट गायब? अब होगा फैसला सड़क पर!”

अजमल शाह
अजमल शाह

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके नेता एम.के. स्टालिन आज सुबह एक निजी विमान से बिहार रवाना हुए। उनका मकसद था विपक्षी गठबंधन INDIA द्वारा आयोजित उस मार्च में शामिल होना, जिसका नेतृत्व खुद राहुल गांधी कर रहे हैं।

मार्च का उद्देश्य? बिहार में 65 लाख वोटरों के नाम कथित रूप से मतदाता सूची से हटाए जाने के विरोध में देश का ध्यान आकर्षित करना।

6.5 मिलियन वोटर लिस्ट से “गायब”?

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने भाजपा के दबाव में आकर वोटर लिस्ट से 6.5 मिलियन यानी 65 लाख वोटरों के नाम हटा दिए हैं

इस गंभीर आरोप पर देश भर में हंगामा मचा है और कई विपक्षी नेता इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहे हैं।

राहुल गांधी का बिहार पैदल मार्च

संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार में एक जन मार्च निकाला जा रहा है। यह मार्च न सिर्फ बिहार बल्कि देशभर में चुनावी पारदर्शिता को लेकर चेतावनी है।

हर दिन इस मार्च में INDIA गठबंधन के नए नेता हिस्सा ले रहे हैं। आज स्टालिन के बिहार पहुंचने से मार्च को और मजबूती मिलने की संभावना है।

दरभंगा में जनसभा करेंगे स्टालिन

स्टालिन न केवल मार्च में चलेंगे, बल्कि बिहार के दरभंगा जिले में एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि वे अपने भाषण में बीजेपी और चुनाव आयोग दोनों को सीधा निशाना बनाएंगे।

भाजपा की “डैमेज कंट्रोल” कमेटी

जैसे-जैसे यह मुद्दा गर्म हो रहा है, बीजेपी की परेशानी बढ़ती जा रही है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने एक विशेष समिति गठित की है जो घर-घर जाकर यह समझाएगी कि यह वोटर फ्रॉड का आरोप केवल अफवाह है

लेकिन भीड़ का मिज़ाज कह रहा है कि जनता अब सवाल पूछना चाहती है

चुनाव नहीं, अब साख की लड़ाई है

बिहार की सड़कों पर इस वक्त सिर्फ वोट नहीं, बल्कि लोकतंत्र की साख का मार्च निकाला जा रहा है। स्टालिन का आना दिखाता है कि विपक्ष इसे एक राष्ट्रीय मुद्दा बनाने पर तुला है।  “अब हर वोट की गिनती नहीं, मौजूदगी भी सवालों के घेरे में है।”

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